Tuesday 14 February 2017

Mantra Sanskar | Mantro Ke Sanskar

आज हम आपको बतायेगे मंत्रो के ऐसे संस्कारो के बारे में जिनके किये बिना आपकी सिद्धि सफल नही हो सकती है । हमारे Vashikaran Specialist Baba – Love Guru India आपको बतायेगे इस सभी संस्कारो के बारे में | मंत्रो को अधिक प्रभावशाली और असम्भव कार्यो को करने में समर्थ बनाने के लिए उनके ये दस संस्कार किये जाते है । इस संस्कारो में रंचमात्र त्रुटि भी अर्थ को अनर्थ कर सकती है, अतः किसी कुशल तंत्रसाधक से अच्छी तरह समझकर उसकी देखरेख में ही ये संस्कार करे ।

Vashikaran by Photo and Hair फोटो और बाल के द्वारा वशीकरण


जनन - भोजपत्र पर कुंकुम, गोरोचन, चन्दन, केसर, कस्तूरी आदि से आत्माभिमुख त्रिकोण लिखे । फिर तीनो कोनो से छः-छः समान रेखाएं खिंचे । इस प्रकार ४९ कोष्ठक बन जायेगे । उनमे ईशान कोण से मातृवर्ण लिख कर मंत्र देवता का आह्वान करे, पूजन करे, मंत्र का एक-एक वर्ण उद्धार करके अलग पत्र पर लिखे । इस प्रकार प्रयोग करने से जनन नाम का प्रथम संस्कार होता है ।

दीपन संस्कार - हंस शब्द से मंत्र को सम्पुट करके अर्थात मंत्र के प्रारम्भ में हंस जोड़कर एक हजार जप द्वारा मंत्र का दीपं संस्कार होता है ।

बोधन - 'हूं' बीज को सम्पुटित करके मंत्र का पांच हजार बार जप करने से बोधन संस्कार होता है - यथा 'हूं रामाय नमः हूं ।' 

Vashikaran Mantra in Hindi वशीकरण मंत्र हिंदी में


ताड़न संस्कार - 'फट' से मंत्र को सम्पुटित करके एक हजार जप करने से मंत्र का ताडन संस्कार होता है - यथा 'फट रामाय नमः फट ।'

अभिषेक - भोजपत्र पर मंत्र लिखे और 'रो हंसः ओ' मंत्र से अभिमंत्रित करे । एक हजार मंत्र जप करते हुए जल से अश्वत्थ पात्र द्वारा मंत्र का अभिषेक किया जाता है । इस प्रकार मंत्र को मानसिक स्नान कराने से मंत्र का अभिषेक संस्कार होता है ।

विमलीकरण संस्कार - मंत्र को पूर्ण पवित्र और अधिक शुभ फलदायक बनाने के लिए यह संस्कार किया जाता है । 'औं त्रों वषट' से मंत्र को सम्पुटित करके एक हजार जप करे । यथा 'औं त्रों वषट रामाय नमः औं त्रों वषट' ।

जीवन संस्कार - 'स्वधा वषट' से मूल मंत्र को सम्पुटित कर एक हजार जप करने से जीवन संस्कार होता है । यथा 'स्वधा वषट रामाय नमः स्वधा वषट'।

Vashikaran Mantra for Love प्रेम के लिए वशीकरण मंत्र


तर्पण संस्कार - मूल मंत्र को दूध, जल, घी, बूरा आदि से सौ बार सम्पुटित कर तर्पण संस्कार किया जाता है ।

गोपन संस्कार - 'ह्रीं' बीज से सम्पुटित करके एक हजार जप करने से गोपन संस्कार किया जाता है । यथा 'ह्रीं रामाय नमः ह्रीं'।

अप्यायन संस्कार - 'ह्रौं' बीज के मंत्र को सम्पुटित करके एक हजार जप करने से अप्यायन संस्कार होता है । यथा 'ह्रौं रामाय नमः ह्रौं'। 

अधिकांश मंत्र साधक ही नहीं, तांत्रिक साधनाएं करने वाले भी इन दस संस्कारो के बारे में अधिक नही जानते । जटिल तांत्रिक साधनाएं करने वाले भी अपने ज्ञान और अध्यन के अनुसार इनमे से एकाध संस्कार कर लेते है । शिवजी ने स्वयं कहा है कि इन दस संस्कारो से संस्कृत किया हुआ मंत्र शीघ्र ही फल प्रदान करता है और साधक की सभी मनोकामनाओ को पूर्ण कर देता है ।

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